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इस्तिखारा का मतलब है अल्लाह तआला से भलाई और खैर तलब करना। जब ज़िंदगी में कोई ऐसा फैसला करना हो, जिसमें आप उलझन में हों कि ये काम मेरे लिए सही है या नहीं, जैसे …
फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ना हर मुसलमान के लिए एक अहम इबादत है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नमाज़ के बाद कुछ खास अज़कार (ज़िक्र) करने से आपका सवाब दोगुना हो सकता है? जी ह…
सूरह यासीन, जिसे कुरआन-ए-पाक का "दिल" कहा जाता है, हर मुसलमान के लिए एक खास और बरकती सूरह है। यह कुरआन की 36वीं सूरह है, जिसमें 83 आयतें हैं। इंडियन …
फ़र्ज़, वाजिब, सुन्नत, मकरूह और हराम क्या हैं? हम अक्सर सुनते हैं कि फलां काम फ़र्ज़ है, फलां वाजिब है, ये सुन्नत है, वो मकरूह है या हराम है। लेकिन क्या आपने कभी…
अज़ान वो खूबसूरत आवाज़ है जो हर मुसलमान के दिल को छू लेती है। ये कोई गाना नहीं, ना ही कोई म्यूज़िक, लेकिन इसमें इतनी ताकत है कि इसे सुनते ही इंसान का दिल अल्लाह…
अस्सलामु अलैकुम दोस्तों! आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बारश के वक़्त की दुआ क्या है और इसकी फज़ीलत क्या है। बारश अल्लाह तआला की रहमत की एक अ…
अस्सलामु अलैकुम! आज हम आपके साथ एक बेहद अहम और जरूरी मसले पर बात करने जा रहे हैं, जो हर मुसलमान के लिए जानना बेहद जरूरी है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं जन…